Jaimini Astrology |

जैमिनि ज्योतिष में फॉंसी योग

14-September ,2021 | Comment 0 | gotoastro

जैमिनि ज्योतिष में फॉंसी योग

जैमिनि ज्योतिष में फॉंसी योग
Hanging Yoga in Jaimini Astrology
•लेखक - सुरेश तंवर
प्रकाशन तिथि - फरवरी, 2015
यदि लग्न पद एवं सप्तम पद से तृतीय, अष्टम एवं एकादश (3, 8, 11) सभी स्थानों पर क्रूर ग्रह हों, तो मनुष्य की मृत्यु फॉंसी, सूली अथवा विद्युत् घात से होती है| पहले हम पद के विषय में जान लें| किसी भाव अथवा लग्न का स्वामी उस भाव से जितने भाव आगे हो, उतने ही भाव आगे तक गिनने पर जो भाव आता है, उसे ‘पद’ कहते हैं, लेकिन यदि भाव का स्वामी भाव से सप्तम हो, तो दशम भाव और यदि चतुर्थ हो, तो स्वयं चतुर्थ भाव ही पद होता है| इसी प्रकार जैमिनि दृष्टि पर भी विचार कर लें| 
महर्षि जैमिनि के अनुसार चर राशि अपने से द्वितीय स्थान की स्थिर राशि को छोड़कर बाकी सभी स्थिर राशियों को देखती है| स्थिर राशि अपने से द्वादश स्थान की राशि को छोड़कर शेष चर राशियों को देखती है| द्विस्वभाव राशि स्वयं को छोड़कर शेष द्विस्वभाव राशियों को देखती है| इसी प्रकार भाव में स्थित ग्रहों का विचार किया जाता है| आगे हम इस योग के आधार पर फॉंसी द्वारा मृत्युदण्ड पाए पॉंच जातकों की जन्मकुण्डलियों का अध्ययन करेंगे| 
शहीद खुदीराम बोस
जन्म दिनांक : 03 दिसम्बर, 1889
जन्म समय : 17:00 बजे
जन्म स्थान : हबीबपुर (मिदनापुर)
जन्मकुण्डली


बंगाल के क्रान्तिकारी स्वतन्त्रता सेनानी खुदीराम बोस ने मुजफ्फरपुर में मजिस्ट्रेट पर बम फेंककर आक्रमण किया था| इसमें दो अन्य लोग मारे गए, लेकिन मजिस्ट्रेट उस समय नहीं थे| इस अपराध के लिए 11 अगस्त, 1908 को इन्हें फॉंसी की सजा देकर मृत्युदण्ड दिया गया| जन्मपत्रिका में लग्न पद से तृतीय भाव में अशुभ भाव का स्वामी चन्द्रमा विषम राशि में पापी है| लग्न पद से अष्टम भाव में एवं सप्तम पद से तृतीय भाव में मंगल स्थित है एवं गुरु, केतु एवं राहु की पाप दृष्टि है| इस प्रकार सम्बन्धित भावों पर सभी पाप ग्रहों की दृष्टि है, अत: जन्मपत्रिका में फॉंसी द्वारा मृत्युदण्ड का योग बनता है| 
शहीद भगतसिंह
जन्म दिनांक : 22 अक्टूबर, 1904
जन्म समय : 15:35 बजे
जन्म स्थान : जारनवाला (पाकिस्तान)
जन्मकुण्डली


भगतसिंह को अपने अन्य दो साथियों सुखदेव एवं राजगुरु के साथ दिनांक 23 मार्च, 1931 को मृत्युदण्ड (फॉंसी) दिया गया| जन्मकुण्डली में लग्न पद एवं सप्तम पद दोनों एकादश भाव में धनु राशि में स्थित हैं| इससे तृतीय भाव में केतु स्थित है और मारक गुरु तथा सूर्य से द्रष्ट है| अष्टम भाव (कुण्डली का षष्ठ भाव) पर केतु की दृष्टि है| एकादश भाव में सूर्य स्थित है और केतु-मंगल की दृष्टि है, अत: फॉंसी के योग से सम्बन्धित सभी भावों पर अत्यधिक क्रूर प्रभाव है| 
शहीद सुखदेव
जन्मकुण्डली


क्रान्तिकारी सुखदेव को भगतसिंह एवं राजगुरु के साथ 23 मार्च, 1931 को फॉंसी द्वारा मृत्युदण्ड दिया गया था| उनकी प्रचलित जन्मकुण्डली में लग्न पद (नवम भाव) से तृतीय भाव में शनि, एकादश भाव पर राहु की दृष्टि तथा अष्टम भाव पर भी राहु की दृष्टि है| सप्तम पद (दशम भाव) तृतीय भाव में राहु स्थित है| अष्टम भाव पर शनि की दृष्टि है| एकादश भाव पर शनि की दृष्टि है| इस प्रकार सम्बन्धित सभी भावों पर प्रबल पाप प्रभाव है| 
नाथूराम गोडसे
जन्म दिनांक : 19 मई, 1910
जन्म समय : 08:29 बजे
जन्म स्थान : बारामती
जन्मकुण्डली


गोडसे ने 30 जनवरी, 1948 को महात्मा गॉंधी की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके कारण उसे मृत्युदण्ड देकर फॉंसी पर लटका दिया गया था| जन्मपत्रिका में लग्न पद एकादश भाव बनता है| इसके तृतीय स्थान पर केतु अधिष्ठित राशि का स्वामी क्रूर मंगल स्थित है| अष्टम स्थान (जन्मपत्रिका का षष्ठ भाव) में केतु स्थित है और इस पर शनि की दृष्टि है| एकादश भाव (कुण्डली का नवम भाव) पापी शनि से द्रष्ट है| इस प्रकार योग से सम्बन्धित सभी भाव अत्यधिक पाप प्रभाव में है| 
जुल्फीकार अली भुट्टो 
(पूर्व प्रधानमंत्री पाकिस्तान)
जन्म दिनांक : 05 जनवरी, 1928
जन्म समय : 17:30 बजे
जन्म स्थान : लरकाना (पाकिस्तान)
जन्मकुण्डली


जिया-उल-हक की सरकार ने भुट्टो पर मुकदमा चलाकर उन्हें फॉंसी द्वारा मृत्युदण्ड दिया गया था| 04 अप्रैल, 1979 को इन्हें फॉंसी पर लटका दिया गया था| लग्न पद और सप्तम पद दोनों जन्मपत्रिका में दशम भाव बनता है| इससे तृतीय भाव में राहु स्थित है| अष्टम भाव पर राहु की दृष्टि है एवं एकादश भाव पर राहु, केतु, मंगल और शनि की दृष्टि है| इस प्रकार योग से सम्बन्धित सभी भाव अत्यधिक पाप प्रभाव में है| 
हमने इस आलेख में फॉंसी दिए जाने वाले जैमिनि योग पर चर्चा की है| यह पाराशरीय योगों में नहीं पाया जाता है| जैमिनि के सूत्रों में इस प्रकार के अनेक महत्त्वपूर्ण योगों के विषय में कहा गया है| हमें फलित में इनका उपयोग करना लाभकारी होगा, अत: ज्योतिष बन्धुओं और नए ज्योतिष वर्ग को इनका उपयोग करना हितकारी होगा|•




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