पौराणिक विषय [अकारादि क्रम से]
(भाग-2)
‘अ’ : संस्कृत आदि प्रमुख भारतीय भाषाओं का पहला अक्षर या स्वर। संस्कृत ग्रन्थ एवं कोशों में ‘अ’ के अर्थ ब्रह्मा, विष्णु, शिव, वासुदेव, कछुआ, आँगन, युद्ध, हरम, आभूषण, समुद्र, पार्वती, धनुष, प्रणवाद्य इत्यादि बताए गए हैं।
अ: श्रीकण्ठ: सुरेशश्च ललाटश्चैक मातृक:।
पूर्णोदरि सृष्टिमेधौ सारस्वत: प्रियम्बद:।।
महाब्राह्मी वासुदेवो धनेश: केशवोऽमृतम्।
कीर्तिनिवृत्तिर्वागीशे नरकारिर्हरो मरुत्।।
ब्रह्मा वामाद्यजो हृस्व: करसु: प्रणवाद्यक:।
‘अबला’ : उन 15 देवों में से एक है, जो पंचजन्य के पुत्र थे।1 (महाभारत, वनपर्व, 22/11)
‘अभय’ : धृतराष्ट्र के सौ पुत्रों में से एक, जिसका वध महाबली भीम ने किया था।2 (महाभारत, आदिपर्व, 67/104; द्रोणपर्व, 127/62)
‘अभयम्’ : राजा इधमजिह्वा ने अपने राज्य प्लक्षद्वीप को सात भागों में विभाजित किया था ‘अभयम्’ उनमें से एक भाग है। अन्य छह भाग हैं:- शिवम्, यमसम्, सुभद्रम्, सन्तम्, क्षेम और अम्स्तम्।3 (श्रीमद्भागवत, 5/20/2) इन सातों भागों को अपने पुत्रों में विभक्त किया था। महाभारत में उल्लेख है कि ‘अभयम्’ को भीम ने जीता था।4 (महाभारत, सभापर्व, 30/9)
‘अभिभु’ : ‘अभिभु’ काशी के राजा का पुत्र था और पाण्डवों का रिश्तेदार था। वह राजा वसुदान के पुत्र द्वारा मारा गया था। उसके पास सबसे अद्भुत घोड़ा था।5 (महाभारत, उद्योगपर्व, 151/63; कर्णपर्व, 6/23-24; द्रोणपर्व, 26/27)
‘अभिमन्यु’ : महाभारत का महान् योद्धा, जो सुभद्रा और अर्जुन का पुत्र था। आरम्भ में अर्जुन ने उसे शस्त्र शिक्षा दी थी। पाण्डवों के वनवास एवं अज्ञातवास के दौरान द्वारका में श्रीकृष्ण एवं उनके पुत्र प्रद्युम्न से शस्त्र शिक्षा प्राप्त हुई। अभिमन्यु का विवाह उत्तरा के साथ हुआ। राजा परीक्षित अभिमन्यु का पुत्र था। महाभारत युद्ध में अभिमन्यु ने वीरतापूर्ण प्रदर्शन किया और अन्त में कौरवों ने मिलकर चक्रव्यूह में उसका वध किया था। महाभारत में अभिमन्यु के पूर्वजन्म के बारे में एक कहानी है। यह चंद्र के पुत्र वरकस थे, जिन्होंने अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु के रूप में अवतार लिया था।6 (महाभारत, आदिपर्व, 67/3)