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Pele's death: the end of an era in football

30-December ,2022 | Comment 0 | gotoAstro

Pele's death: the end of an era in football

फुटबॉल के महान् खिलाड़ी पेले का 29 दिसम्बर, 2022 को देर रात 82 साल की उम्र में निधन हो गया। वे केंसर से पीड़ित थे। पेले को फुटबॉल का महानतम् खिलाड़ी माना जाता है। उन्होंने फुटबॉल के कुल चार विश्वकप खेले, जिसमें तीन उन्होंने जीते। सन् 1958, 1962 और 1970 में ब्राजील ने विश्वकप जीता था। तीन विश्वकप जीतने वाले वे इकलोते खिलाड़ी हैं। उन्होंने पहला विश्वकप 17 साल की उम्र में ही जीत लिया था । वे सबसे कम उम्र में विश्वकप जीतने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने 1363 मैच में 1279 गोल किए हैं, जो एक रिकॉर्ड है। अपने 21 साल के कॅरिअर में पेले ने कुल 37 टाइटल जीते थे। 1970 के विश्वकप फाइलन में इटली के खिलाफ पेले ने 100वाँ वर्ल्डकप गोल किया था। उनका निधन फुटबॉल के एक महान् युग का अन्त है।
पेले
जन्म दिनांक : 21 अक्टूबर, 1940
जन्म समय : 03:00 बजे
जन्म स्थान : ट्रेस कोराकोइस (ब्राजील)
जन्म कुण्डली (D1)


द्रेष्काणवर्ग (D3(Ds))


नवांशवर्ग (D9)


फुटबाॅल के महान् खिलाड़ी पेले की लग्न कुण्डली, द्रेष्काण एवं नवांश में निम्नलिखित योग उन्हें खिलाड़ी बनाते हैं।
1. द्रेष्काण में लग्नेश सूर्य तृतीय भाव में वर्गोत्तम स्थिति में है।
2. लग्न कुण्डली का तृतीयेश शुक्र द्रेष्काण में कर्मेश एवं तृतीयेश होकर पंचम भाव में स्थित है और आय भाव एवं आयेश बुध से परस्पर दृष्टि सम्बन्ध बना रहा है।
3. द्रेष्काण में मंगल कर्म भाव में है और कर्मेश एवं तृतीयेश शुक्र पर अपनी पूर्ण दृष्टि डालता है। साथ ही, लग्न पर भी उसकी पूर्ण दृष्टि है।
4. लग्नभाव शनि एवं कर्म भावस्थ मंगल का परस्पर दृष्टि संबंध उन्हें फुटबॉल का खिलाड़ी बनाता है।
5. लग्न में अग्नि तत्त्व की रािश सिंह है तथा तृतीय एवं कर्म भाव में अग्नितत्त्व ग्रह स्थित है, जो कि उन्हें अग्रपंक्ति का खिलाड़ी अर्थात् स्ट्राइकर बना रहा है। लग्नेश सूर्य एवं लग्न में गुरु की उपस्थिति और लग्न पर मंगल की पूर्ण दृष्टि उन्हें योग्य कप्तान के रूप में भी स्थापित करती है।
6. लग्न कुण्डली का तृतीयेश एवं कर्मेश शुक्र का नवांशेश मंगल द्रेष्काण में कर्म भावस्थ है, जो कि खेल संबंधी कर्मक्षेत्र एवं आजीिवका क्षेत्र बनाता है।
7. तृतीय भावस्थ सूर्य का नवांशेश मंगल द्रेष्काण में कर्म भावस्थ है, इसी प्रकार लग्न कुण्डली में तृतीय भावस्थ बुध का नवांशेश बुध द्रेष्काण में एकादश भाव में स्वयं की रािश में स्थित है और तृमीयेश-कर्मेश शुक्र से पूर्ण द्रष्ट है। 

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