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Rakhi 2022: 11th or 12th August, which day & Muhurta is Auspicious? [रक्षाबन्धन 2022 : 11 या 12 अगस्त, कौनसा दिन और मुहूर्त है शुभ?]

30-July ,2022 | Comment 0 | gotoastro

Rakhi 2022: 11th or 12th August, which day & Muhurta is Auspicious? [रक्षाबन्धन 2022 : 11 या 12 अगस्त, कौनसा दिन और मुहूर्त है शुभ?]

रक्षाबन्धन, 2022
(11 अगस्त, 2022)
रक्षाबन्धन श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस सम्बन्ध में शास्त्रों में विधान है कि भद्रा रहित पूर्णिमा पर अपराह्ण काल में रक्षाबन्धन का कार्य किया जाता है। रक्षाबन्धन में भद्रा का निषेध है। इस सम्बन्ध में धर्मशास्त्र का प्रसिद्ध वाक्य है, ‘भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।’ 
जहाँ तक इस माह में पड़ने वाली श्रावणी पूर्णिमा का सम्बन्ध है, तो यह 11 अगस्त, 2022 को 10:39 से 12 अगस्त, 2022 को 07:06 बजे तक है, जिसमें भद्रा पहले दिन अर्थात् 11 अगस्त, 2022 को 10:39 से 20:51 बजे तक रहेगी। ऐसी स्थिति में धर्मशास्त्र में रक्षाबन्धन के सम्बन्ध में दो नियम हैं : 
1. यदि पहले दिन भद्रा पूर्णिमा के अपराह्ण काल में व्याप्त है और दूसरे दिन पूर्णिमा तीन मुहूर्त या उससे अधिक है, तो दूसरे दिन रक्षाबन्धन होता है, भले ही पूर्णिमा दूसरे दिन अपराह्ण में व्याप्त नहीं हो और दूसरे दिन अपराह्ण में ही रक्षाबन्धन किया जाता है, क्योंकि उस अवधि में साकल्यापादित पूर्णिमा रहेगी :
यदा द्वितीयापराह्णात् पूर्वं समाप्ता, तदापि भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये .... इति भद्रायां निषेधादुत्तरैव। तन्त्र तिथ्यनुरोधेन अपराह्णात्पूर्वम् अनुष्ठाने अपराह्णस्थ सर्वथा बाधापत्ते:, अपरान्हे ज्योतिश्शास्त्रप्रसिद्ध-तिथ्यभावेऽपि साकल्य-बोधित-तिथि-सत्त्वात्तत्रैव अनुष्ठानम्।। — पुरुषार्थ चिन्तामणि
2. यदि दूसरे दिन पूर्णिमा तीन मुहूर्त अथवा उससे अधिक व्याप्त नहीं हो, तो उस दिन अपराह्ण में साकल्यापादित पूर्णिमा भी नहीं रहेगी। ऐसी स्थिति में पहले दिन ही भद्रा के पश्चात् प्रदोष के उत्तरार्ध में रक्षाबन्धन करना चाहिए :
यदा तूत्तरत्र मुहूर्त्तद्वय (तत्र) मध्ये किञ्चित् न्यूना पौर्णमासी, मदापराह्णे सर्वथा तद्भावात्, प्रदोषे-पश्चिमौ यामौ दिनवत् कर्म चाचरेत्, इति पराशरात्, भद्रान्ते प्रदोषयामेऽनुष्टानम्।।
चूँकि 12 अगस्त, 2022 को भद्रा तीन मुहूर्त व्यापिनी नहीं है। ऐसी स्थिति में उपर्युक्त नियम-1 के अनुसार 11 अगस्त, 2022 को ही प्रदोषकाल में भद्रा के पश्चात् अर्थात् 08:51 बजे के बाद रक्षाबन्धन किया जाना चाहिए।

 

Rakshabandhan, 2022
(August 11, 2022)

Rakshabandhan is celebrated on Shravan Shukla Purnima. In this regard, there is a law in the scriptures that the work of Raksha Bandhan is done in the afternoon on the full moon without Bhadra. Bhadra is prohibited in Rakshabandhan. In this regard, the famous sentence of Dharmashastra is, ‘भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।’
As far as Shravani Purnima falling in this month is concerned, it is from 10:39 on August 11, 2022 to 07:06 on August 12, 2022, with Bhadra on the first day i.e. on August 11, 2022 from 10:39 Will be there till 20:51. In such a situation, there are two rules regarding Raksha Bandhan in Dharmashastra:
1. Because during that period the full moon of Sakalyapadit will be :
यदा द्वितीयापराह्णात् पूर्वं समाप्ता, तदापि भद्रायां द्वे न कर्त्तव्ये .... इति भद्रायां निषेधादुत्तरैव। तन्त्र तिथ्यनुरोधेन अपराह्णात्पूर्वम् अनुष्ठाने अपराह्णस्थ सर्वथा बाधापत्ते:, अपरान्हे ज्योतिश्शास्त्रप्रसिद्ध-तिथ्यभावेऽपि साकल्य-बोधित-तिथि-सत्त्वात्तत्रैव अनुष्ठानम्।। — पुरुषार्थ चिन्तामणि
2. If on the second day the full moon is not spread for three Muhurtas or more, then there will be no full moon day in the afternoon on that day. In such a situation, after Bhadra on the first day itself, Raksha Bandhan should be done in the second half of Pradosh:
यदा तूत्तरत्र मुहूर्त्तद्वय (तत्र) मध्ये किञ्चित् न्यूना पौर्णमासी, मदापराह्णे सर्वथा तद्भावात्, प्रदोषे-पश्चिमौ यामौ दिनवत् कर्म चाचरेत्, इति पराशरात्, भद्रान्ते प्रदोषयामेऽनुष्टानम्।।
Since Bhadra is not three Muhurta on 12th August, 2022. In such a situation, according to the above rule-1, Raksha Bandhan should be done on 11th August, 2022 only after Bhadra in Pradosh Kaal i.e. after 08:51.

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