news star in Astrology |

Serial Killer Charles Sobhraj : What are the Yogas of becoming a Thug and a Criminal in the horoscope?

26-December ,2022 | Comment 0 | gotoastro

Serial Killer Charles Sobhraj : What are the Yogas of becoming a Thug and a Criminal in the horoscope?

सीरियल किलर चार्ल्स शोभराज : क्या हैं जन्मपत्रिका में ठग और अपराधी बनने के योग?


23 दिसम्बर, 2022 को रिहा हुए चार्ल्स शोभराज की जन्मपत्रिका में ऐसे कई योग विद्यमान हैं, जो उसे अन्तरराष्ट्रीय ठग एवं अपराधी बना रहे हैं। जानिए उसकी जन्मपत्रिका में ऐसे कौनसे योग बन रहे हैं :
जन्म दिनांक :
06 अप्रैल, 1944; जन्म समय : 22:00 बजे; जन्म स्थान : सैगोन (वियतनाम)

जन्मकुण्डली                                                                                                               अक्षवेदांशवर्ग (D45(Ps)

                             

‘सीरियल किलर’, ‘बिकनी किलर’, ‘सर्पेन्ट’ आदि नामों से कुख्यात चार्ल्स शोभराज का नाम आते ही मन-मस्तिष्क पर एक अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी एवं महाठग की छवि बनकर उभरती है। वह चालाक और शातिर अपराधी है। उसके लिए हत्या, लूटपाट, नशीली दवाओं का कारोबार, कार एवं आभूषणों की चोरी लोगों को ठगना, पुलिस को चकमा देना, जेल से भागना इत्यादि सामान्य कार्य हैं। उसके जोखिम और साजिश से भरपूर जिन्दगी को मीडिया में इतनी जगह मिली कि वह मशहूर हो गया। हॉलीवुड में उसके जीवन पर फिल्म बन चुकी है। वहीं बॉलीवुड में भी एक फिल्म सन् 2015 में बनी। उस शातिर अपराधी पर कई भाषाओं में अनेक किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। अपनी कुख्यात छवि से वह स्वयं वाकिफ है और इसका भी वह लाभ उठाता है। अपने जीवन पर बनी हॉलीवुड की फिल्म के एवज में निर्माता से 15 मिलियन डॉलर लिए थे। वह एक इंटरव्यू देने के लिए 5 हजार डॉलर वसूल लेता है।
चार्ल्स शोभराज भारतीय पिता और अविवाहित वियतनामी माँ का पुत्र है। पहले बच्चे के जन्म के बाद ही उसके पिता ने उसकी माँ को छोड़ दिया। बाद में चार्ल्स की माँ सोंग ने एक फ्रेंच सैन्य अधिकारी लेफ्टीनेंट अल्फोंस डारेव से विवाह कर लिया। चार्ल्स को उसने अपने साथ रहने तो दिया, परन्तु उसे अपना नाम देने से इनकार कर दिया।
चार्ल्स अपराध जगत् से सन् 1961-62 में ही जुड़ गया और सन् 1963 में वह पहली बार जेल गया। जेल में उसके व्यवहार को देखकर उसे पैरोल पर रिहा कर दिया गया, लेकिन कुछ समय के पश्चात् पुन: अपराध करने के कारण वह आठ माह फिर जेल में चला गया। आरम्भ में वह छोटी-मोटी चोरी एवं ठगी कर लेता था। बाद में उसने कार चोरी कर उसे बेचने का धन्धा किया। सन् 1970 के लगभग वह भारत आ गया। उसने विदेशी कार चोरी कर भारत में भी बेचीं। इस तरह उसने काफी पैसे कमा लिए, लेकिन एक दिन वह जुए में सब-कुछ हार गया। बाद में उसने दिल्ली के होटल अशोका की छत तोड़कर चोरी की। कार चोरी का धन्धा भी जारी रहा, लेकिन कुछ समय बाद वह पकड़ा गया। जमानत पर छूटकर वह अफगानिस्तान चला गया। वहाँ भी उसने अपराध किए और काबुल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को चकमा देकर वह वहाँ से भाग गया और ईरान पहुँच गया।
1970 के दशक में उसने विदेशी पर्यटकों को अपना निशाना बनाया। विदेशी महिलाएँ उसका मुख्य शिकार बनती थीं। वह उनका मित्र बनाकर उनके लिए नशीली दवाइयाँ देता और फिर उनकी हत्या कर देता था। सन् 1972 से 1976 के बीच उसने 24 लोगों की हत्या की थी। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उस पर मुकदमा चलाया गया, जिसमें उसे सजा हुई। सन् 1986 में वह तिहाड़ जेल से भागने में सफल हुआ। सन् 2003 में वह नेपाल में पकड़ा गया। वहाँ 1975 में उसने दो व्यक्तियों की हत्या की थी। उसके आरोप में आजीवन कारोवास की सजा सुनाई गई। अभी वह नेपाल में ही आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा है।
चार्ल्स शोभराज की डी-1 एवं डी-45 में निम्नलिखित योग उल्लेखनीय हैं :
(क) डी-1 की ग्रह स्थिति एवं योग :
1. लग्न पर शनि का प्रभाव है।
2. लग्नेश मंगल अष्टम भाव में स्थित है।
3. गुरु-चाण्डाल योग बन रहा है और उच्चस्थ गुरु के प्रभाव को समाप्त कर उसे दूषित बना रहा है। गुरु वक्री भी है तथा तामसी ग्रह शनि से द्रष्ट है।
4. अष्टमेश बुध एवं षष्ठेश मंगल में राशि परिवर्तन है।
5. सूर्य और चन्द्रमा राजसी ग्रह सूर्य के प्रभाव में हैं।
6. सूर्य पर दूषित गुरु और राहु का प्रभाव है।
7. चन्द्रमा पर तामसी ग्रह मंगल और केतु का प्रभाव है।
8. चतुर्थ भाव में गुलिक की उपस्थिति है।
(ख) डी-45 की ग्रह स्थिति एवं योग :
1. लग्न में लग्नेश शनि स्थित है, परन्तु लग्न एवं लग्नेश पर राहु-केतु का प्रभाव है।
2. सूर्य पर तामसी ग्रह मंगल एवं गुलिक का प्रभाव है।
3. चन्द्रमा-गुरु पर राहु-केतु का प्रभाव है।
4. गुरु पर सूर्य का प्रभाव है, परन्तु गुरु राहु-केतु से दूषित है।
5. चन्द्रमा पर तामसिक ग्रह मंगल का प्रभाव है, वहीं गुरु और सूर्य पर शनि जैसे तामसी ग्रह का भी प्रभाव है।
6. पंचमेश बुध अष्टम भाव में है। यहाँ बुध पंचमेश होकर ज्ञान एवं विचारों को दर्शाता है और उसकी अष्टम भावगत स्थिति उसे अपराध जगत् से जोड़ती है तथा ठग विद्या में निपुण बनाती है।
7. शुक्र उच्च राशिस्थ है जो भाग्यशाली के साथ-साथ शानो-शौकत से रहने की प्रवृत्ति दे रहा है। अष्टमेश बुध का उस पर प्रभाव उसके मादक द्रव्यों की तस्करी एवं अपराध जगत् की महिलाओं से सम्बन्धित करता है।
(ग) दशाएँ :
1. मंगल महादशा में शनि की अन्तर्दशा में उसने अपराध जगत् में प्रवेश किया और मंगल में बुध की अन्तर्दशा में सन् 1963 में उसे पहली सजा फ्रांस में हुई।
2. मंगल महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा में पहली पत्नी सेंटाल से उसकी मुलाकात हुई।
6. राहु महादशा में इसके अपराध चरम पर पहुँचे। राहु महादशा में राहु की अन्तर्दशा में स्मगलिंग, मादक द्रव्यों का व्यापार, कार चोरी आदि कार्य आरम्भ किए। राहु में गुरु की अन्तर्दशा में पूर्व की (एशिया की) ओर आगमन हुआ तथा राहु में शनि, बुध एवं केतु की अन्तर्दशाओं में सन् 1970 से भारत, अफगानिस्तान, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया आदि में हत्या, चोरी, ठगी, जालसाजी, मादक द्रव्यों की स्मगलिंग आदि कार्य कर अन्तरराष्ट्रीय अपराधी बन गया।
4. शनि महादशा में बुध की अन्तर्दशा में वह नेपाल में सन् 2003 में गिरफ्तार हुआ और सन् 2008 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई।
5. बुध महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा में मंगल की प्रत्यन्तर्दशा में 18-19 साल बाद 23 दिसम्बर, 2022 को चार्ल्स शोभराज की रिहाई नेपाल की जेल से हुई और उसे सीधे फ्रांस भेज दिया गया। वर्तमान में शोभराज फ्रांस का नागरिक है।

Recent Blogs

Trending Blogs

Related Blogs

Comments

Los Angeles

Ajay Dubey

Recent Comments