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Virat's bat is about to roar now!

09-September ,2022 | Comment 0 | Jyotish Sagar

Virat's bat is about to roar now!

प्रकाशन तिथि : 20 मई, 2022

एशिया कप 2022 में भारतीय टीम का प्रदर्शन अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं रहा, परन्तु इस निराशा के बीच एक आशा की किरण विराट की फॉर्म का वापस लौटना है। इस सम्बन्ध में उनकी जन्मकुण्डली के आधार पर ज्योतिष सागर के जून, 2022 अंक में लिखा है कि अगस्त, 2022 से विराट का समय अनुकूल आ रहा है और उस दौरान विराट का बल्ला एक बार फिर गरजने लगेेगा।

विराट कोहली अपने नाम के अनुरूप अपने प्रदर्शन में भी ‘विराट्’ हैं। टी-20 में उनके सर्वाधिक रन और 50 से अधिक रनों की इनिंग भी उनके नाम है। 43 एकदिवसीय शतकों के साथ वे केवल सचिन तेंदुलकर से पीछे हैं। 70 अन्तरराष्ट्रीय शतकों के साथ वे तीसरे स्थान पर हैं, जबकि दूसरे स्थान पर पोंटिंग हैं, जिनके 71 शतक हैं। वे एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे तेज 10,000 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। जब वे मैदान पर होते हैं, तो मैच का पलड़ा उनकी टीम की तरफ ही झुका रहता है। ऐसे बड़े-बड़े रिकॉर्ड बनाने वाले विराट कोहली का बल्ला पिछले दो-ढाई वर्ष से खामोश है। किसी भी फॉर्मेट में उन्होंने शतक नहीं लगाया। विशेषज्ञों की दृष्टि में 33 वर्षीय विराट कॅरिअर के ढलान पर हैं। आइए, ज्योतिष के माध्यम से देखते हैं कि क्या उनका कॅरिअर ढलान की ओर है या फिर गरजेगा उनका बल्ला? 
उपलब्ध सूचना के अनुसार विराट का जन्म 05 नवम्बर, 1988 को प्रात: 10:28 बजे धनु लग्न, मिथुन नवांश में हुआ। जन्मपत्रिका में लग्न में तृतीयेश शनि की उपस्थिति है और तृतीय भाव में राहु स्थित है। मंगल दशम भाव, एकादश भाव एवं उनके स्वामियों पर पूर्ण दृष्टि डाल रहा है। यह योग उन्हें खेल जगत् में लेकर आया। कर्मेश बुध एवं आयेश शुक्र के मध्य परस्पर राशि परिवर्तन है, जो सफलता की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। ऐसे जातक को योग्यता, प्रतिभा एवं परिश्रम के अनुरूप सफलता प्राप्त होती है। 
विराट कोहली
जन्म दिनांक : 05 नवम्बर, 1988
जन्म समय : 10:28 बजे
जन्म स्थान : दिल्ली
जन्मपत्रिका


नवांश पत्रिका


दशमांश पत्रिका


एकादश भाव में भाग्येश एवं कर्मेश की युति धर्मकर्माधिपति राजयोग का निर्माण कर रही है। सूर्य यद्यपि नीच राशि में है, परन्तु उसका नीचभंग हो रहा है और उसका राजयोगकारक होना एवं एकादश भाव में स्थित होना भी शुभ फलदायक है। 
लग्न में तृतीयेश शनि का स्थित होना तथा उसकी दृष्टि दशम भाव पर होना उन्हें कर्मठ एवं जुझारू बना रहा है। दशम भाव पर लग्नेश गुरु एवं पंचमेश मंगल की भी दृष्टि है। 
नवांश में तृतीयेश सूर्य कर्मेश गुरु के साथ युति बनाकर कर्मभाव में स्थित है, वहीं आयेश मंगल की तृतीय भावस्थ स्थिति है और उसका दृष्टि प्रभाव कर्मभाव, कर्मेश एवं तृतीयेश पर पड़ रहा है। यह योग भी खेल जगत् में सफलता को दिखाता है। 
दशमांश में तृतीय भाव में धनेश-आयेश गुरु की उच्च राशिस्थ सूर्य के साथ युति कॅरिअर की दृष्टि से अनुकूल फलप्रद है। द्वादश भाव में उच्च राशिस्थ मंगल के साथ स्वराशिस्थ शनि का युति सम्बन्ध राजयोगकारक है, जो कि लीक से हटकर और विदेश में बेहतरीन सफलता प्रदान करता है। 
विराट वर्तमान में राहु महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा में सूर्य की प्रत्यन्तर्दशा के प्रभाव में हैं। इस प्रत्यन्तर्दशा में 16 मई से समय अपेक्षाकृत बेहतर कहा जा सकता है। अगस्त, 2022 से तुलनात्मक रूप से बेहतर समय आ रहा है, जो कि कॅरिअर की दृष्टि से बीते िदनों से काफी बेहतर रहना चाहिए। उम्मीद की जा सकती है कि इस अवधि में उनका बल्ला फिर से गरजेगा। 
जहाँ तक रिकॉर्ड आदि का प्रश्न है, तो वे अधिकतर रिकॉर्डों में सचिन तेंदुलकर से ही पीछे हैं। निकट भविष्य की दशाओं को देखते हुए ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है कि वे सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी या उनसे आगे निकल पाने में सक्षम होंगे। यह अवश्य है कि 2022 के उत्तरार्ध से और आगामी वर्ष उनके लिए पिछले दो वर्षों की तुलना में कॅरिअर की दृष्टि से बेहतर फलप्रद रहना चाहिए। इस अवधि में उनसे अच्छी पारियों की उम्मीद की जा सकती है। ऐसी पारियाँ 16 मई, 2022 के बाद से ही देखने को मिल सकती हैं, परन्तु अधिक अन्तर अगस्त, 2022 के बाद प्रतीत हो रहा है। वैसे उनके लिए आगामी इंग्लैण्ड का दौरा न केवल अपनी फॉर्म में वापस लौटने के रूप में याद रखा जाएगा, वरन् उनकी बेहतरीन पारियों के लिए भी याद किया जाएगा। अन्त में यही कहा जा सकता है कि विराट का बल्ला अब पुन: गरजेगा।

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