राम नाम के हीरे मोती मैं बिखराऊँ गली-गली,
ले लो रे कोई राम का प्यारा टेर लगाऊँ गली-गली,
टेर लगाऊँ गली-गली रे भाई ...।।
दौलत के दीवानों सुन लो इक दिन ऐसा आयेगा।
धन-दौलत और माल-खजाना यहीं पड़ा रह जायेगा।
सुन्दर काया मिट्टी होगी, चर्चा होगी गली-गली...
ले लो रे कोई राम का प्यारा टेर लगाऊँ गली-गली,
टेर लगाऊँ गली-गली रे भाई ...।।
जिसको अपना कहकर बन्दे तू इतना इतराता है।
छोड़ ही देंगे सभी अन्त में कोई काम न आता है।
अन्त समय में कुछ न मिलेगा जिस दिन होगी चला-चली...
ले लो रे कोई राम का प्यारा टेर लगाऊँ गली-गली,
टेर लगाऊँ गली-गली रे भाई ...।।